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हाथरस : व्यक्ति के मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य कर रही एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक हृयूमन राइट्स संस्था अज्ञात शवों के धार्मिक रीति-रिवाज से दाह संस्कार के लिए भी कार्य कर रही है कोरोना की दूसरी लहर मे जहाँ लोग अपने परिजनों का साथ छोड़ रहे हैं ऐसी भीषण परिस्थिति में भी यह कोरोना योद्धा अपने आप को समर्पित किए हुए हैं । अज्ञात शव को एडीएचआर की देखरेख और समाजसेवी सुनीत आर्य के नेतृत्व में दफनाया गया जिसके दफनाने की व्यवस्था मे सुनील अग्रवाल अध्यक्ष निस्वार्थ सेवा संस्थान पूर्णरूपेण सहयोग रहा । एक अज्ञात व्यक्ति बागला अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर पड़ा हुआ था 8 मई को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया उसके हाथ पर केवल आफाक लिखा हुआ था जिसकी इलाज के दौरान 9 मई को मृत्यु हो गई हाथरस गेट कोतवाली अन्तर्गत बागला पुलिस चौकी प्रभारी देवेंद्र कुमार द्वारा शव को शिनाख्त के लिए पोस्टमार्टम हाउस में 72 घंटे के लिए रखा गया शिनाख्त न होने के कारण शव को लावारिस घोषित कर दफनाने के लिए समाजसेवी सुनीत आर्य ,एडीएचआर राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय से संपर्क किया, समाजसेवियों द्वारा उक्त अज्ञात शव मुसलमान होने के कारण मुरसान गेट करबला मे मुस्लिम रीति रिवाजों से दफनाया गया। शव को दफनाने वालों में निस्वार्थ सेवा संस्थान के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल,एडीएचआर राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय, सुनीत आर्य, मुस्लिम इंतजामियां कमेटी के सदर हाजी रिजवान अहमद कुरेशी ,उपनिरीक्षक देवेन्द्र कुमार,कांस्टेबल सचिन कुमार कुमार , आदि उपस्थित रहे

इनपुट : बृजमोहन ठैनुआ

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