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सासनी : चैत्र नवरात्रि की पंचमी तिथि 17 अप्रैल शनिवार के दिन देवी के पांचवें स्वरूप स्कन्द माता की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि स्कंदमाता की आराधना करने से भक्तों की समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वैदिक ज्योतिष संस्थान कार्यालय पर नवदुर्गा अनुष्ठान के तहत पांचवें दिन देवी के स्वरूप स्कन्दमाता की विधिविधान से पूजा की गयी।
शनिवार को स्वर्ण जयंती नगर सीजंस अपार्टमेंट स्थित वैदिक ज्योतिष संस्थान कार्यालय पर चल रहे नवदुर्गा अनुष्ठान के पांचवे दिन देवी के पांचवे स्वरूप स्कन्दमाता की पूजा विधिविधान से महामंडलेश्वर स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी की अध्यक्षता में आचार्य गौरव शास्त्री, ऋषि शास्त्री, रवि शास्त्री, दुष्यन्त वेदपाठी आदि आचार्यों ने सर्वप्रथम मुख्य यजमान रानू वार्ष्णेय-शिखा वाष्र्णेय, बीना वाष्र्णेय, द्वारा देवी प्रतिमा का अभिषेक किया तत्पश्चात रोली चंदन आदि से श्रृंगार करवाकर सौभाग्य पेटिका एवं शॉल अर्पित करी। एवं पुष्पों द्वारा देवी का अर्चन किया इस बीच स्वामी पूर्णानंदपुरी जी ने देवी के महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि मां स्कंदमाता की पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं,साथ ही माता रानी अगर प्रसन्न हो जाएं तो स्वास्थ्य संबंधी सभी दिक्कतें दूर हो सौभाग्य संतान प्राप्ति के लिए एवं संतान संबंधित अन्य व्याधियों हेतु स्कन्दमाता की आराधना करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। माता की आरती में रजनीश वाष्र्णेय, पवन तिवारी, शशि गुप्ता, कृति गुप्ता, गणेश वाष्र्णेय, संजय नवरत्न सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

इनपुट : आविद हुसैन

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