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सासनी : श्रीरामचैक  मंदिर के निकट बाबा श्री जाहरवीर मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दौरान आचार्य श्री कैलाश शास्त्री ने भगवान श्रीराम कथा एवं मानस गृहस्थ गीता का वर्णन किया।
सोमवार को कथा में आचार्य कैलाश जी महाराज ने कहा कि राम-सीता विवाह में मानस अवतार श्रीराम एवं सीता का ही मिलन नहीं वरन दो संस्कृतियों का मिलन हुआ था। वह अयोध्या मिथिला के रूप में दो राष्ट्रों का मिलन था। कथा में मंदिर परिसर को जनकपुरी के रूप में सजाया गया था। राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, राजा दशरथ, विश्वामित्र वशिष्ठ की सजीव झांकियों से दृश्य मनोरम हो गया। विवाह के भावपूर्ण भजनों को सुनकर भक्तगण भाव विभोर होकर नाचने लगे। इस दौरान राजा परीक्षित के रूप में राम स्वरूप कश्यप तथा उनकी पत्नी भूदेवी, के अलावा प्रशांत पाठक एडवोकेट, सुधीर कांत पाठक, विकल तिवारी, मलुआ खां, अनूप तिवारी, प्रताप सिंह, हरीसिंह, राजकुमार, विशाल तिवारी, दिनेशी शर्मा ,अनिल पाठक, नानक चंदे, नगेन्द्र कश्यप, दिनेश शर्मा, ह्दयशंकर पाठक, मौनू कश्यप, राजेन्द्र कश्यप, वीरेन्द्र कश्यप, मंदीप कश्यप, आशीष, अनिल कश्यप आदि मौजूद थे।

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