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केरल में फैले निपाह वायरस का खतरा टला नहीं है. अब वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि फ्रूट बैट्स यानी चमगादड़ से ही निपाह वायरस फैला था. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों के मुताबिक, चमगादड़ के जरिए फलों में यह वायरसफैलता है, जिस फल को ऐसे चमगादड़ खाते हैं, उनमें वायरस मिलता है. उस फल की पूरी फसल में इस वायरस के होने का खतरा रहता है. मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, चमगादड़ की निपाह वायरस का मुख्य स्रोत थे, जिससे 17 लोगों की मौत हुई थी. ऐसे में उन फलों को खाने से बचना चाहिए, जिनसे निपाह वायरस का खतरा हो सकता है. ऐसे फलों को भूलकर भी नही खाना चाहिए.
चमगादड़ में मौजूद होता है वायरस
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने निपाह को एक उभरती बीमारी करार दिया था. WHO के मुताबिक, निपाह वायरस चमगादड़ की एक नस्ल में पाया जाता है. यह वायरस उनमें प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है. चमगादड़ जिस फल को खाती है, उनके अपशिष्ट जैसी चीजों के संपर्क में आने पर यह वायरस किसी भी अन्य जीव या इंसान को प्रभावित कर सकता है. ऐसा होने पर ये जानलेवा बीमारी का रूप ले लेता है.
खजूर और आम से है खतरा
केरल से सबसे ज्यादा खजूर और आम का एक्सपोर्ट होता है. देश के अलावा विदेशों में भी यह फल एक्सपोर्ट किए जाते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, ऐसे फलों की पहचान काफी मुश्किल होती है. वायरस के फलों में फैलने से यह कहना मुश्किल होता है कि किस फल को न खाया जाए. लेकिन, खजूर में यह सबसे ज्यादा हो सकता है. दूसरा केले और आम केरल से मंगाए जाते हैं. निपाह वायरस से प्रभावित केरल के कोझिकोड़ और मल्लापुरम जिले में केले और खजूर की बड़ी मात्रा है. ऐसे में यहां से आने वाले फलों को ध्यान से खाना चाहिए. फल अच्छी तरह धुले हों. साथ ही कोई खाया हुआ निशान उन पर न हो.
खजूर से फैला था वायरस
केरल में फैले इस इंफेक्शन का मुख्य स्रोत फ्रूट बैट्स ही थे. इनके जरिए ही यह लोगों में फैला था, जिसकी वजह से 17 लोगों की मौत हुई थी. वैज्ञानिकों के मुताबिक, खजूर की खेती करने वाले लोग इस इंफेक्शन की चपेट में जल्दी आते हैं. 2004 में इस वायरस की वजह से बांग्लादेश में काफी लोग प्रभावित हुए थे.
ऐसे हुई निपाह वायरस की पुष्टि
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिसीज ने मई में कोझिकोड़ की ग्राम पंचायत चंगारोथ से कुछ सैंपल लिए थे, यह सैंपल मांसाहारी चमगादड़ के थे, जिसकी वजह से इनमें निपाह वायरस के लक्षण नहीं मिले थे. उस दौरान फ्रूट बैट्स पर रिसर्च नहीं की गई थी. सैंपल की दूसरी टेस्टिंग में फ्रूट बैट्स (शाकाहारी चमगादड़) के सैंपल टेस्ट किए गए, जिसके बाद यह पुष्टि हुई कि फ्रूट बैट्स के जरिए ही निपाह वायरस फैला था.
क्या हैं निपाह (NiV) के लक्षण
मनुष्यों में निपाह वायरस, encephalitis से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से ब्रेन में सूजन आ जाती है. बुखार, सिरदर्द, चक्कर, मानसिक भ्रम, कोमा और आखिर में मौत, इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं. 24-28 घंटे में यदि लक्षण बढ़ जाए तो इंसान को कोमा में जाना पड़ सकता है. कुछ केस में रोगी को सांस संबंधित समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है.
Input : neha
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