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सासनी : नानऊ मार्ग आशानगर में स्थित ख्वाजा सूफी अलाउद्दीन हसन बिलाली की दरगाह में चल रहे पच्चीस बें उर्स के दौरान कुल शरीफ के बाद कब्बालियों का प्रोग्राम किया गया जिसमें कब्बालों ने बाबा की शान में कब्बालियां पेश की। जिन्हें सुन बाबा के दीवाने झूमने लगे।
बुधवार को दरगाह पर हुए कुल शरीफ के बाद कब्बालियों के प्रोग्राम में कब्बाल उस्मान जलाल हसन साबरी गोपालपुर सासनी ने सुनाया कि तुम चाहो तो उजड़ी हुई बस्ती को बसा दो, बिगड़ी हुई हर शख्श की तकदीर बदल दो। कब्बाल सलमान स्वालीन अलीगढ़ ने सुनाया कि मेरे पीर का हुस्न-ए-जलाल है, मेरी नजर में तेरी नजर सबसे बे-मिसाल है। कब्बाल इकराम हसन चिश्ती आगरा ने सुनाया कि उनकी आंखों में नूर देखा है और कैफ -ओ-सुरूर देखा है। डिबाइक के कब्बाल अजीज नसीर ने सुनाया कि तू ही किव्ला मेरा तू ही ईमान है, ऐ सनम तू मेरी जान है-जान है। राम पुर के कब्बाल आफताब साबरी ने सुनाया कि मेरी लाज मेेरे ख्वाजा यूं हीं उम्रभर निभाना। कहीं इस गुलाम को ख्वाजा न भूल जाना। इसके साथ ही अमरोहा मुम्बई, ग्वालियर, फिरोजाबाद, आगरा से आए कब्बालों ने बाबा की शान में कब्बालियां पेश कीं। इस दौरान अकीकतमंदों ने बाबा की मजार पर चादर भी चढ़ाई। सुबह कुल शरीफ के दौरान हजारों की तादात में अकीकतमंदों ने शिरकत की। कुरान-ए-शरीफ की आयतें पढ़ी गई, तथा मुल्क और कौम की सलामती की दुआ की गई। मलंग बाबाओं ने अपने करतब दिखाकर लोगों को हैरत में डाल दिया। वहीं उर्स में शिरकत करने वालों को तब्बरुख दिया गया। इस दौरान कमेटी के इरफान हसन बिलाली, दिलशाद हसन बिलाली, बदरुज्जमा शम्स, मास्टर कल्लू हसन, निजाम कुरैशी, बहादुर खॉ, बाबू खॉ, सद्दाम हुसैन, बली मौहम्मद, लालो भाई, आबिद हुसैन, पप्पू हसन, इकबाल खां, अख्तर, ब्रजेश प्रधान, कमरूद्दीन, उस्मान एण्ड पार्टी, तौसीबर्, आदि आदि के अलावा सैकड़ों अकीकतमंद एवं अलावा सुरक्षा की की कमान प्रभारी निरीक्षक गौरव सक्सैना कस्वा इचार्ज सतीश चन्द्र यादव अपने दलबल के साथ संभाले हुए थे।
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