Visitors have accessed this post 439 times.

राष्ट्रपिता महात्मा गाधीं की पुण्यतिथि पर साहित्यिक संस्था साहित्यानंद के बैनरतले कवियों ने कविताओं के माध्यम से महात्मा गांधी कोे काव्यश्रद्वासुमन अर्पित किए।
शनिवार को काव्यगोष्ठी का शुभारंभ अध्यक्ष द्वारा मॉ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन करने और बापू के छविचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। कवि रामनिवास उपाध्याय ने सुनाया कि-बापू के आदेश प्रश्न ही बने हुए है। रामराज्य का स्वप्न साकार नहीं हो सका। हरिगोपाल गुप्त ने सुनाया कि-जलता सारा देश द्वेष से शांत नही कर पाए। कुर्सी तो मिल गई देश को दिशा नहीं दे पाए। तत्पश्चात हास्य कवि वीरेन्द्र जैन नारद ने सुनाया-आदमी के सर ने चढ के बोलता जुनून है। पी रहा अब आदमी ही आदमी का खून है। शायर हनीफ संदली ने सुनाया –सच कह दिया तो खतावार हो गए। दुनियां की निगाहो में गुनाहगार हो गए। मंयक चैहान ने सुनाया- दहशत गर्दी से रिश्ता हिंसा से गहरा नाता है।रामराज का सपना भी अब धूमिल होता जाता है। रविकांत ने सुनाया-चलों जलाए दीप अहिसां के हिंसा के आंगन मे। आज खिलाए फूल प्यार के भर ले अपने दामन में। अमर सिंह बच्चा ने सुनाया–जश्न मेरे वतन का हर शाम होना चाहिए। दुश्मन का हर इरादा नाकाम होना चाहिए। गोविन्द उपाध्याय ने सुनाया–देशी समस्याओ का तब तक हल नही होगा। जब तक किसान कंधे पर देशी हल नही होगा। इसके अलावा डा. कयूम खॉ, शाहिल संदली, एमपी सिंह, रविराज सिंह, वीरपाल सिंह, इरफान रजा, ज्वाला प्रसाद वर्मा, भूदेव प्रसाद पालीवाल के साथ गोष्ठी का औपचारिकता समापन हो गया। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वैध राधेश्याम ने तथा संचालन वीरेन्द्र जैन नारद ने किया।

INPUT – Avid Hussain

अपने क्षेत्र की खबरों के लिए डाउनलोड करें TV30 INDIA ऐप

https://play.google.com/store/apps/details?id=com.tv30ind1.webviewapp