पिता का अपने बच्चो की जिंदगी मे बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है, इस अमूल्य योगदान के महत्व को पहचानने के लिए Father’s day विश्व के विभिन्न हिस्सों में अपने पिता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. इसलिए Father’s day कब और क्यों मनाया जाता है यह जानना हमारे लिए जरूरी हो जाता है. Father’s day हर साल जून के तीसरे रविवार को भारत समेत विश्व के कई देशो में मनाया जाता है. सबसे पहले इसे जून 19, 1910 में वाशिंगटन में मनाया गया था, हालाँकि इसे आधिकारिक मान्यता 1972 में ही मिल पाई जब पिता को सम्मान देने के इस दिन के लिए यूनाइटेड स्टेट्स में छुट्टी की घोषणा की गयी.
FATHER’S DAY HISTORY IN HINDI
Father’s day के इतिहास का संबंध दो कहानियो से है. पहली कहानी का संबंध सोनोरा स्मार्ट डॉड (Sonora Smart Dodd) से है जिन्होंने फादर डे मनाने का विचार दिया. सोनोरा स्मार्ट डॉड को यह विचार तब आया जब वह 1909 में चर्च मे मदर डे का उपदेश सुन रही थी. उसने यह महसूस किया की माताओ को सब सम्मान और प्रशंसा मिलती है लेकिन पिता भी इस प्रशंसा के बराबर के हकदार होते है. सोनोरा स्मार्ट डॉड के पिता का नाम विलियम जैक्सन स्मार्ट था, जो की किसान थे. सोनोरा समेत उनके छे बच्चे थे.
सोनोरा की माता की मृत्यु छठे बच्चे के जन्म के समय ही हो गयी थी, उसके बाद उनके पिता ने ही सोनोरा समेत छे बच्चो को वाशिंगटन में उनके फार्म पर पाल पोस कर बड़ा किया. अपने पिता के इस प्यार के लिए सोनोरा को यह विचार आया की एक ऐसा दिन होना चाहिए जिसमे सभी पिताओ को सम्मान और श्रद्धा दी जाये.
सबसे पहले उसने 5 जून को अपने पिता के जन्म दिवस पर फादर डे मनाने का प्रस्ताव दिया. लेकिन बाद में इसे जून के तीसरे रविवार को मनाना तय हुआ.
दूसरी कहानी अमेरिका के वेस्ट वर्जिनिया, fairmont से जुडी है. 5 जुलाई, 1908 को grace golden clayton के प्रयत्नों के फलस्वरूप लोकल methodist चर्च में सभी पिताओ को (खासकर उन 361 लोगो के लिए जिन्होंने भयानक खान विस्फोट में जान गवाई) सम्मान देने के लिए सेवाओ (services) का आयोजन किया गया. हालाँकि यह स्मरण उत्सव वार्षिक छुट्टी ना बन सका.
कैसे मनाये हम FATHER’S DAY
वैसे तो Father’s day हर देश के हिसाब से अलग अलग तारीखों को मनाया जाता है, लेकिन भारत में इसे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है. जिस प्रकार माँ का बच्चे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान होता है, उतना ही बराबर योगदान पिता का भी होता है. अत: Father’s day मौका देता है अपने पिता को धन्यवाद, सम्मान और प्रशंसा देने का, जिसकी शुरुआत पिता को Father’s day की शुभकामनाये देकर की जाती है. उसके बाद उन्हें उपहार, प्रशंसा में लिखे गए ग्रीटिंग्स कार्ड दिए जाते है.
बच्चे का यही कर्तव्य होना चाहिए की वह अपने पिता के लिए ये दिन यादगार बनाये, जैसे की उन्हें पसंदीदा भोजन खिलाना, अच्छे उपहार देना, उनके साथ समय बिताना, उनसे अच्छी और पसंदीदा बाते करना और उनकी सेवा करना.
Input samriddhi
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