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कालपी (जालौन) : आई टी आई विद्यालय में पूरी साल किसी न किसी हथकंडे को अपनाकर विद्यार्थियों से बसूली होती है ।हद तो तब हो गई जब परीक्षा में अच्छे नम्बर देने के नाम पर दो सौ छात्रों से प्रति छात्र चार हजार रुपए लिए गए।
देश में शिक्षा का स्तर इतना नीचे गिर रहा है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। भाजप सरकार ने नकल विहीन परीक्षाओं के लिए तमाम प्रयास किए काफी हद तक नकल पर रोक लग गई पर इससे शिक्षा के मंदिरों में बैठे ७० हजार से लेकर १ लाख रुपए की मासिक सैलरी पाने वाले गुरु जी के बड़े पेट की खुरांक कम हो गई।
लिहाजा एक नया फंडा ईजाद कर लिया।अब सीधे सीधे काम होने लगा पहले तो नकल करने के लिए लिखना पड़ता था अब वो भी खत्म आप पढ़ो य न पढ़ो कापी में कुछ लिखो य न लिखो प्रेक्टिकल में कुछ करो य न करो गूरू जी का कहना है रूपए दो जितने रुपए उसी पर्सेंट से नम्बर मिल जायेंगे। फिलहाल ताजा रेट ४ हजार रुपए में ८० प्रतिशत नम्बरों का खुला है।
इस तरह का खेल सामने आया है कालपी के आई आई टी विद्यालय का जहां एक गुरु जी ने छात्र छात्राओं को फरमान जारी कर दिया सभी लोग चार चार हजार रुपए जमा करो अस्सी प्रतिशत तक नम्बरों से पास हो जाओगे जबकि प्रेक्टिकल के नाम पर ३०० रूपए एक बार और ५०० रूपए एक बार प्रति छात्र ले चुके हैं।
लिहाजा २०० छात्रों से ४ हजार रुपए ऐ र ८०० रुपए प्रति छात्र पहले ही जमा हो गए हैं एक बेचारा गरीब छात्र तीन हजार रुपए ही जुटा पाया तो ईमानदारी दिखाते हुए गुरु जी ने कहा बेटा इतने में ७० प्रतिशत से ज्यादा अंक नहीं मिल पाएंगे ।चलो तुम पांच सौ और दे दो।
ये क्या हो रहा है योगी जी क्या ऐसे दिन भी आ गए आपके राज्य में जहां हर चीज बिक रही है। शिक्षा जैसे पवित्र मन्दिर में बिराजे भगवान रुपी गुरु जी इतने भृष्ट हो गए हैं। उक्त खबर विद्यालय के छात्रों से ही मिली है और १०० प्रतिशत सत्य है क्या इसकी जांच होने की उम्मीद की जा सकती है। क्या दोषी को इतने बड़े गुनाह की इतनी ही बड़ी सजा मिल सकती है।जिम्मेदार न्यायोचित कार्यवाही करेंगे य खुद भी साझेदारी कर लेंगे देखते हैं।

INPUT – योगेश द्विवेदी