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सासनी : 4 नवंबर। सुहागिन महिलाओं के लिए साल का सबसे बड़ा पर्व करवा चैथ व्रत है। इस दिन का वे पूरे साल इंतजार करती हैं. करवा चैथ व्रत का हिंदू धर्म में भी विशेष महत्व है। इस व्रत को पति की लंबी उम्र की कामना से रखा जाता है।
बुधवार को यह बातें आचार्य मुकेश शास्त्री इगलास वालों ने सासनी में दाऊजी मंदिर के निकट गौरव दीक्षित के आवास पर हुए एक अनुष्ठान के दौरान बताई। उन्होंने बताया कि घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनाएं और चावल को पीसकर उससे करवा का चित्र बनाएं. इस रीति को करवा धरना कहा जाता है। शाम को मां पार्वती और शिव की कोई ऐसी फोटो लकड़ी के आसन पर रखें, जिसमें भगवान गणेश मां पार्वती की गोद में बैठे हों।कोरे करवा में जल भरकर करवा चैथ व्रत कथा सुनें या पढ़ें, मां पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढ़ाएं,या उनका श्रृंगार करें। इसके बाद मां पार्वती भगवान गणेश और शिव की अराधना करें. चंद्रोदय के बाद चांद की पूजा करें। और अर्घ्य देंने के बाद पति के हाथ से पानी पीकर या निवाला खाकर अपना व्रत खोलें। पूजन के बाद सास- ससुर और घर के बड़ों का आर्शीवाद जरूर लें। इस साल करवा चैथ व्रत पर पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 29 मिनट से 6 बजकर 48 मिनट तक का रहेगा. इस दिन चंद्रोदय रात 8बजकर16 मिनट पर होगा। पांचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि का आरंभ 4 नवंबर को 03बजकर 24 मिनट पर होगा. चतुर्थी तिथि 5 नवंबर शाम 5बजकर 14 मिनट तक रहेगी
input : avid hussain