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मूड स्विंग की वजह से भी दांपत्य जीवन में तनाव और दूरी बढ़ती है। कई बार रिश्ता टूटने की कगार पर भी पहुंच जाता है। ऐसी सिचुएशन से बचने के लिए जरूरी है कि जितना हो सके मूड स्विंग को रिलेशनशिप पर हावी न होने दिया जाए।
आज हम आपको ऐसी ही एक कपल की स्टोरी बताने जा रहे हैं। यह कपल के नाम है ए और बी और ए वर्किंग कपल हैं। बी 9 से 5 की जॉब करती है, साथ ही घर भी संभालती है, जबकि ए एक एमएनसी में काम करता है, उसके वर्किंग ऑवर्स 10-12 घंटे तक रहते हैं। दोनों ऑफिस के वर्क टेंशन, घर की जिम्मेदारी, एक-दूसरे को समय न दे पाने के कारण परेशान रहते हैं। इसका असर बी और ए के मूड पर नजर आता है।
जब-तब दोनों के मूड स्विंग होते हैं। जहां एक ओर बी अकसर अपना गुस्सा, झुंझलाहट रोहन पर निकालती है, वहीं ए भी वक्त-बेवक्त बी पर भड़क जाता है। इसका सीधा-सीधा असर उनके दांपत्य जीवन पर होने लगा है। कई बार तो बी और ए के बीच बात इतनी बिगड़ जाती है कि दोनों कई-कई दिनों तक आपस में कोई संवाद नहीं रखते हैं।
आजकल ऐसी सिचुएशन कई वर्किंग कपल्स को फेस करनी पड़ रही है। लेकिन इससे बचा जा सकता है। बस, कपल्स को कुछ बातों पर गौर करना होगा।
वजह जानना जरूरी अकसर देखा जाता है कि एक पार्टनर फ्रीक्वेंट मूड स्विंग का शिकार है यानी बात-बात पर झुंझलाने लगता है। ऐसी स्थिति में दूसरा पार्टनर उसे अवॉयड करने लगता है। जबकि ऐसा करना सही नहीं है।
इससे समस्या का समाधान नहीं होगा। इसके उलट कपल्स के बीच बातचीत बंद हो जाती है। ऐसी स्थिति में शांति से बैठकर पार्टनर से बार-बार हो रहे मूड स्विंग की वजह पूछनी चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं है कि वह ऑफिस में किसी वजह से परेशान है? किसी दोस्त से झगड़ा हुआ है? जो भी वजह है, उसे जानें फिर समस्या का समाधान मिलकर निकालें। इसी तरह अगर आपका मूड खराब है, तो अपने पार्टनर को उसकी वजह बताएं।
हावी न हो मूड स्विंग
कई बार देखने में आता है कि एक पार्टनर का मूड खराब हो तो दूसरे पार्टनर के मूड पर भी इसका असर होता है। इसका मैरीड लाइफ पर बुरा असर पड़ता है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने पार्टनर के मूड स्विंग को खुद पर हावी न होने दें। ऐसी सिचुएशन में कुछ देर के लिए आप अपने पार्टनर के मूड स्विंग को इग्नोर करें।
खुद को शांत रखने की कोशिश करें। ऐसा करने के लिए खुद का ध्यान कहीं और लगाएं जैसे टीवी देख सकती हैं, किसी अपने से फोन पर बातचीत कर सकती हैं। फिर जब आपको लगे कि अपने पार्टनर के मूड स्विंग को टैकल करने के लिए तैयार हैं, तब उसके पास जाएं। जब खुद का मूड खराब हो, तब भी इसी बात को फॉलो करें।
एक-दूसरे को स्पेस दें
अगर पार्टनर के मूड स्विंग की वजह जानने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं निकल रहा है, तो उसे और खुद को थोड़ा स्पेस दें।
कई बार ऐसा होता है कि कुछ समस्याओं का समाधान बातचीत से नहीं निकलता। इसके बजाय कपल्स को अलग-अलग सोचने का समय चाहिए होता है।
अगर आपके पार्टनर के साथ ऐसा हो रहा है, तो बेहतर है कि आप उसे थोड़ा स्पेस दें। उनसे कहें कि वह बाहर जाकर टहल आएं।
इस तरह स्पेस देने से वह अपनी प्रॉब्लम, मूड स्विंग को गहराई से समझ पाएगा। आप भी इसी बात को खुद पर आजमाएं, पॉजिटिव रिजल्ट सामने आएगा।
क्यों होता है मूड स्विंग
मूड स्विंग की कई वजहें होती हैं। बहुत ज्यादा थकान, घर-ऑफिस को अच्छी तरह मैनेज न कर पाना, घर के सदस्यों की अपेक्षाओं को पूरा न कर पाना, दफ्तर देर से पहुंचना जैसी छोटी-छोटी बातें मूड स्विंग की वजह होती हैं।
इसी तरह कुछ शारीरिक बीमारियों की वजह से भी मूड स्विंग होता है, जैसे एनीमिया, थायरॉयड, हीमोग्लोबिन की कमी। इन समस्याओं को अगर दूर किया जाए, तो मूड स्विंग से बचा जा सकता है।
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