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पर्यावरण मित्र नवीन ने बच्चों को बताया जल संरक्षण का महत्व
रूरा कानपुर देहात जल है तो कल है , जल बिन जीवन कहाँ है जनाब , शरीर में एक प्रतिशत जल की कमी पर प्यास लगती है , पाँच प्रतिशत जल की कमी पर त्वचा और जीप सिकुड़ने लगती हैं तथा पन्द्रह प्रतिशत जल की कमी पर मौत हो जाती है , उक्त बात पर्यावरण मित्र नवीन कुमार दीक्षित ने तालाब में उतर कर तालाब किनारे खेल रहे बच्चों को समझाते हुए बताई पर्यावरण मित्र ने आगे बताया कि जल में पूजा की राख और फूल डालने से पूजन सामग्री लड़ती है और जल में आक्सीजन की कमी हो जाती है जिससे जलीय जीव मर जाते हैं पुण्य की जगह पाप लगता है
जलीय जीवन के लिए चार मिली प्रति लीटर आक्सीजन होनी ही चाहिए कछुआ , मछली, मेंढक, केकड़ा की संख्या बहुत तेजी से गिरी है जिसका प्रमुख कारण जल स्रोतों में गंदगी डालना व कीटनाशकों का खेतों से बहकर जल स्रोत में जाना है आगे उन्होंने बताया कि जल संरक्षण एक्ट उन्नीस सौ चौहत्तर की धारा इकतालीस से जल स्रोत को किसी भी तरह से मलिन करने पर दस हजार रुपये जुर्माना व छ: वर्ष जेल से दंडनीय अपराध है आज हम जमीन के तीसरे स्टेटा से जल ले रहे हैं जो एक हजार साल में रिचार्ज होता है गैबियन बांध, कंटूर बांध ,गली प्लग बांध, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग से धरती माता को रिचार्ज किया जा सकता है वर्षा से मिली बूंद को धरती माता के गर्भ में सहेज कर रखना पुनीत कार्य हैं बच्चों में मोहम्मद कैश मिनाक्षी प्रियंका रामू मयंक, साहित बीस से अधिक बच्चे उपस्थित थे
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