Visitors have accessed this post 376 times.
आगरा : ताजमहल बंद होने से लाखों लोगों की रोजी रोटी पर संकट, पहली बार इतने लंबे समय तक बंद यह स्मारक. लॉकडाउन में कई लोगों की रोजी रोटी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 17 मार्च को ताजमहल समेत देश के सभी स्मारकों को बंद किया गया था। तब से लेकर अब तक ताजमहल बंद है।
आगरा में पहली बार ताजमहल समेत सभी संरक्षित स्मारक इतने लंबे समय से बंद हैं। ऐसे में पर्यटन उद्योग से जुड़े चार लाख लोगों को रोजी-रोटी की चिंता सता रही है। एक सितंबर से सिकंदरा और अन्य छोटे स्मारकों को खोलने का एलान हो गया, लेकिन ताजमहल और आगरा किला को खोले जाने की फिलहाल कोई उम्मीद भी नहीं है।
सिकंदरा या मरियम ट्रम देखने नहीं आएगें सैलानी
आगरा गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमशुद्दीन अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा कोई सैलानी नहीं जो सिकंदरा या मरियम टूम देखने के लिए आगरा आए। सभी की इच्छा ताजमहल और आगरा किला देखने की होती है, लेकिन प्रशासन पता नहीं किस तरह से प्लानिंग कर रहा है।
हर स्मारक खोले जा रहे हैं पर ताजमहल नहीं खोला जा रहा है। ताजमहल आगरा जिले की पहचान है। लोग एकमात्र इसे ही देखने दूर-दूर से आते हैं। लॉकडाउन में ताजमहल बंद होने के कारण पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की रोजी रोटी पर संकट बन आया है।
इनके लिए हो रही मुश्किल
550 होटल, 150 से अधिक गेस्ट हाउस, 150 रेस्टोरेंट बंद हैं।
छोटे-बड़े 500 के करीब हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम, शोरूम व दुकानें बंद हैं।
1750 गाइड, ट्रेवल ऑपरेटर व टूर ऑपरेटर खाली बैठे हैं।
3000 हॉकर, 6000 दुकानदार स्मारकों पर निर्भर थे।
ऑटो रिक्शा, टैक्सी, तांगा, ई-रिक्शा चालकों, गोल्फ कार्ट चालकों पर काम नहीं।
40 हजार से ज्यादा हैंडीक्राफ्ट कारीगर खाली बैठे हैं
इनपुट -: महिपाल सिंह ।