Visitors have accessed this post 921 times.

फास्ट फूड की शौकीन महिलाएं जरा गौर फरमाएं। पिज्जा-बर्गर का अत्यधिक सेवन आपसे मां बनने की खुशी छीन सकता है। एडिलेड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ब्रिटेन, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की 5,598 गर्भवती महिलाओं की डाइट-हिस्ट्री (खानपान के इतिहास) का विश्लेषण करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। उन्होंने पाया कि भूख शांत करने के लिए हफ्ते में चार बार फास्टफूड का सहारा लेने वाली 39 फीसदी महिलाओं को गर्भधारण में औसतन एक माह अधिक समय लगा। वहीं, 8 फीसदी को तमाम कोशिशों के बावजूद प्रेग्नेंट होने के लिए लगभग एक साल अतिरिक्त इंतजार करना पड़ा। इनमें से ज्यादातर महिलाएं संतानोत्पत्ति संबंधी उपचार से भी गुजरीं। शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि फास्टफूड की लत बांझपन का खतरा 8 से बढ़ाकर 16 फीसदी तक कर देती है। उन्होंने परिवार बढ़ाने की कोशिशों में जुटी महिलाओं को मीठे की खुराक पर भी लगाम लगाने की सलाह दी।

मुख्य शोधकर्ता मेलेनी मैकग्राइस के मुताबिक फास्टफूड सैचुरेटेड फैट, सोडियम और शक्कर से लैस होते हैं। शरीर में इन रसायनों की अधिकता गर्भधारण में सहायक ‘ऊसाइट’ कोशिकाओं की मात्रा घटाती है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने गर्भधारण की संभावनाओं पर फल, हरी सब्जियों और अंडा-मछली से भरपूर आहार का भी असर आंका। इस दौरान पता चला कि फल संतान सुख हासिल करने की उम्मीदें बढ़ाते हैं। दिन भर में फल की तीन खुराक लेने वाली महिलाओं में गर्भ जल्दी ठहरता है। वहीं, हरी सब्जियों और अंडे का गर्भधारण की संभावनाओं पर कोई खास असर नहीं पड़ता। अध्ययन के नतीजे ‘जर्नल ह्यूमन रिप्रोडक्शन’ के हालिया अंक में प्रकाशित किए गए हैं।

byVishal Sharma

यह भी पढ़े : सुबह खाली पेट चाय पीने से होने वाले नुकसान

अपने क्षेत्र की खबरों के लिए डाउनलोड करें TV30 INDIA एप

https://play.google.com/store/apps/details?id=com.tv30ind1.webviewapp