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आज देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती है, महात्मा गांधी के बारे में हमें बचपन से पढ़ाया जाता है, क्यूंकि महात्मा गांधी को फादर ऑफ़ नेशन कहा जाता है । 2अक्टूबर 1969 गुजरात के पोरबन्दर में गांधी जी का जन्म हुआ । गांधी सत्य अहिंसा और कर्म के पुजारी थे, लोग उन्हे बापू कह कर पुकारा करते थे। महात्मा गांधी का विवाह मात्र 13 वर्ष की आयु में कस्तूरबा गांधी से करा दिया गया, जो कि उनसे 1साल उम्र में बड़ी थी । गांधी जी के 3 बेटे थे, हरिलाल ,मनिलाल और रामदास।
गांधी जी ने वकालत की पढाई इंग्लेंड से की।

महात्मा गांधी जी का संघर्ष

महात्मा गांधी जी ने अपने घर परिवार को छोड़ कर देश को आजाद कराने की मुहिम में समय दिया , महात्मा गांधी जी को बहुत महान क्रांतकारियों ने योगदान दिया देश को आजाद कराने में ,

ट्रंसवाल सत्याग्रह

महात्मा गांधी जी ने पहला आन्दोलन 1906 में ट्रांसवाल एशियाटिक रजिस्टरेशन ऐक्ट के खिलाफ यह सत्याग्रह आयोजित किया,

चम्पारन सत्याग्रह

दूसरा आन्दोलन महात्मा गांधी जी ने भारत लौटने पर किया , महात्मा गांधी जी भारत लौटे थे , गोपाल कृष्ण गोखले के निवेदन पर भारत को ब्रिटिश राज से स्वतंत्र कराने के लिये, दूसरा आन्दोलन उन्होने 1917 में चंपारण आन्दोलन चलाया था ,जो कि बिहार के चंपारण जिले में हुआ था, इस आन्दोलन में उन्होनें अंग्रजो के द्वारा किसानों को जबरदस्ती नील की खेती कराये जाने से मुक्ति दिलाई थी, इसके बाद 1918 में उन्होने गुजरात राज्य के खेडा जिले में बाढ़ और अकाल की पीड़ा झेल रहे होने के बावजूद लगान वसूले जाने का विरोध प्रदर्शन कर अंग्रेजो को समझौता देने पर मजबूर कर दिया।

1920 में अंग्रेजी हुकुमत से आजादी

महात्मा गांधी 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कोंग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और 26जनवरी 1930 को ब्रिटिश राज से भारत की आजादी का एलान किया।

महात्मा गांधी की दांडी यात्रा

महात्मा गांधी जी ने 1930 में नमक पर टैक्स लगाने का विरोध प्रदर्शन किया , और अहमदाबाद से दांडी तक पैदल मार्च निकाला , और कानून तोडते हुए खुद नमक बनाया इस आन्दोलन को महात्मा गांधी का सबसे बड़ा आन्दोलन कहा गया।

1942 का सबसे प्रमुख आन्दोलन भारत छोड़ो आन्दोलन

ये आन्दोलन अंग्रजो के खिलाफ भारत छोड़ो आन्दोलन था , इस आन्दोलन में बहुत से स्वतंत्रता सेनानी मारे गए और घायल हुए इस समय महात्मा गांधी ने समस्त देशवासियों को संगठित किया और अहिंसा पर चलने को प्रेरित किया।

“करो या मरो का नारा दिया”

इस आन्दोलन की वजह से गांधी जी को गिरफ़्तार किया गया, परन्तु इस आन्दोलन की वजह से भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रजो की गुलामी और उनके द्वारा किये जा रहे अत्याचारों से हमेशा हमेशा के लिये आजाद हो गया।

महात्मा गांधी जी का निधन

अहिंसा की राह पर चलने वाले और सत्य की ओर हमेशा अग्रसर रहने वाले गांधी ,  महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को गोली मार कर कर दी । लेकिन महात्मा गांधी जी द्वारा किये गए बलिदान त्याग अहिंसा एवं प्रेम की भावना की वजह कोई उन्हें भुला नही सकता।

रिपोर्ट : दीपिका पाथरे