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हाथरस की बेटी कविता पौरूष ने इस कहावत को चरितार्थ करके दिखाया है। छोटे शहर हाथरस में पैदा होने के बावजूद कविता लंडन में धूम मचा रही हैं। कविता ने मिसेज इंडिया यूके प्रतियोगिता के फाइनल में अपनी जगह बनाई है। कविता पौरूष ने अपनी शूरूआती शिक्षा हाथरस से ही प्राप्त की। उनकी मां शरद पौरूष का कहना है कि कविता पढ़ने लिखने के साथ ही एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भी काफी तेज थीं। स्कूल की शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने सीपीएमटी की परीक्षा पास करके मुरादाबाद होम्योपेथिक मेडिकल कालेज से डाक्टरी की पढ़ाई की।
कविता का कहना है कि वो बचपन से ही किसी ब्यूटी कंपटीशन में भाग लेना चाहती थी. छोटे शहर से होने के कारण उन्हें काफी मुश्कििलों का सामना करना पड़ा। उनका कहना कि इनसान को कभी भी अपने आप को छोटा नहीं समझना चाहिये। अगर इनसान में आत्मविश्वास है तो वह कुछ भी कर सकता है, चाहे वह कितने भी छोटे शहर से क्यों न हो। कविता का कहना है कि एक छोटे बच्चे की मां और वर्किंग वुमेन होकर इस तरह की प्रतियोगिता के लिये अपने आप को तैयार करना काफी मुश्किल था। लेकिन अगर आपका परिवार आपका साथ दे तो कुछ असंभव नहीं है। कविता कहती हैं कि अभिवावकों को चहिये कि बच्चों की प्रतिभा को दवायें न। अभिवावकों को बच्चों की प्रतिभा को निखारना चाहिये।
इनपुट : लकी कुमार शर्मा
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